by NewsDesk01 on | Feb 12, 2024 08:24 AM
अम्बिकापुर : आज 12.02.2024 को प्रातः 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस अपने कर्मभूमि मे ली। डा. भागीरथी गौरहा ने 85 वर्ष की अवस्था में अपने कर्मभूमि अम्बिकापुर में अंतिम सांस ली। वे सरगुजा के प्रसिद्ध समाजसेवी, राष्ट्रपति पुरस्कृत प्रधानाचार्य, गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कृत सहित कई सम्मान प्राप्त करने वाले और गुरुजी के नाम से प्रसिद्ध रहे। डा. गौरहा ने वर्ष 1961 से अम्बिकापुर में एक शिक्षक के रुप में कार्य आरंभ किया था फिर वे एनसीसी अधिकारी, अग्निशमन अधिकारी, रेडक्रास काउन्सिलर एवं सचिव, आस्था निकुंज वृद्धाश्रम के फाउन्डर सहित उच्च कोटि के पौराणिक, भागवताचार्य, ज्योतिषाचार्य और संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड विद्वान थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन सरगुजा में निःशक्तजनो, आदिवासयों एवं वृद्धाजनों की सेवा में बिता दिया। उनके व्यक्तित्व एवं कृतिव्य की प्रशंशा सरगुजा में उन्हे जानने वालों की सदा मुख पर रहती थी।
डा. भागीरथी गौरहा ब्राह्मण समाज के विप्रकुल गौरव रहे और उन्हें श्रीमद्भागवत का अपूर्व ज्ञान था। उनके निधन से अंबिकापुर के सभी प्रबुद्ध वर्ग में शोक की लहर व्याप्त है। वे अपने पीछे तीन पुत्रियां और एक पुत्र छोड़ गए हैं। उनके पुत्र डा. श्रीधर गौरहा स्वयं धर्मभूषण, विद्यावाचस्पति जैसे सम्मान से सम्मानित व्यक्ति हैं और बिलासपुर में निवासरत हैं।
डा. भागीरथी गौरहा बिलासपुर के ग्राम सकरी के निवासी हैं परन्तु लगभग पूरा जीवन अम्बिकापुर को दे दिया। उनकी अंतिम ईच्छा अपने पूरे शरीर को मेडिकल कालेज को दान मे देने की थी जिसे उनके पुत्र और परिवारजन पूरा कर रहे हैं।