छत्तीसगढ़ Raipur

कई राज्यों के सैकड़ो पत्रकारों ने सुकमा जिला मुख्यालय में किया विरोध प्रदर्शन

by admin on | Oct 18, 2024 08:14 AM

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कई राज्यों के सैकड़ो पत्रकारों ने सुकमा जिला मुख्यालय में किया विरोध प्रदर्शन

पत्रकारों को साजिशन फ़साने के विरोध में सुकमा में कई राज्यों के सैकड़ो पत्रकारों ने किया एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन, 

पत्रकारों ने विभिन्न मांगों के साथ केन्द्रीय गृहमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन...

कई राज्यों के सैकड़ो पत्रकारों ने सुकमा जिला मुख्यालय में किया विरोध प्रदर्शन..!

"आदित्य गुप्ता"

रायपुर :-  बस्तर के चार पत्रकारों दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा के प्रतिष्ठित पत्रकार बप्पी रॉय और शिवेंदु त्रिवेदी, तथा सुकमा के पत्रकार मनीष सिंह और धर्मेंद्र सिंह को फर्जी गांजा मामले में फंसाने के विरोध में 6 राज्यों के पत्रकारों ने सुकमा जिला मुख्यालय में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया एवं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपते हुए मामले की सीबीआई से जांच कराने तथा उपरोक्त प्रकरण को न्यायालय से वापस लेने की मांग की| धरनारत पत्रकारों ने ज्ञापन में बताया कि लम्बे समय से छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश- तेलंगाना सीमा पर स्थित सबरी नदी से है रेत माफिया द्वारा बड़े पैमाने पर रेत की अवैध निकासी कर विना अनुज्ञप्ति के तेलंगाना के हैदराबाद ले जाया जा रहा है।


 दक्षिण बस्तर के चार पत्रकार रेत तस्करी से सम्बन्धित खबर कवरेज करने कोन्टा गये हुए थे तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए खबर बना रहे थे जहां रेत माफिया के इशारे पर स्थानीय तात्कालीन धानेदार अजय सोनकर से कवरेज के दौरान विवाद हुआ। जिसकी जानकारी दक्षिण बस्तर दंतेवाडा डीआईजी कमलोचन कश्यप जी को पत्रकार साथियों ने मोबाइल से कॉल कर दी थी। डीआईजी के निर्देश पर थाना प्रभारी द्वारा रेत से भरे ट्रकों को जब्त कर कोंटा थाने लाया गया ।इसी संदर्भ में आगे की खबर बनाने पत्रकार साथी रात को कोन्टा के २७५ लॉज में रुके थे। वहां रात को रेत माफिया के लोग भी वहां पहुंचे और खबर नहीं बनाने पर दबाव बनाने लगे। पत्रकार साथियों ने कहा कि इस मामले में सुबह बात करेंगे । रात को थाना प्रभारी ने रेत माफिया के साथ मिलकर पत्रकारों की कार में गांजा रखवा दिया। कुछ सीसीटीवी कैमरे में वीडियो रिक,र्ड भी हुआ हैं।

 जब पत्रकार सुबह आंध्र स्थित चट्टी पेट्रोल पम्प पहुंचे तो वहां पहले से तैयार खड़ी आंध्र प्रदेश की पुलिस ने सीधे आकर कार की डिक्की खोलने कहा और गांजा बरामद कर आंध्र प्रदेश स्थित चिंतुर थाना ले जाकर पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया। जब इस बात की खबर सुकमा के पत्रकारों को लगी तब उन्होंने तुरन्त सुकमा एसपी किरण चव्हाण को कोन्टा थानेदार के द्वारा पत्रकारों के साथ की गई साजिश की शिकायत की। जिस पर एसपी ने जांच कराई तथा थानेदार को दोषी पाते हुए उसे निलंबित कर एफआईआर किया गया। इसके बाद दोषी थाना प्रभारी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। 


हमारे चार पत्रकार साथियों को साजिशन गांजा तस्करी मामले फंसाए जाने के कारण कु ” अकारण जेल में रहना पड़ा तथा उक्त मामला अभी आंध्र प्रदेश के राजमहेन्द्री न्यायालय में लंबित हैं। पत्रकारों की गिरफ्तारी से लेकर आज तक छत्तीसगढ़ आंध्र, उड़ीसा, तेलंगाना, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ के पत्रकार आन्दोलन कर इस मामले की सीबीआई से जांच की मांग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री एवं जिला प्रशासन को कई दफा इस सीबीआई जांच की अनुशंसा करने की मांग के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा जा चुका है। जिसका आज तक कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला है। अतः आपसे सादर प्रार्थना है कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराने हेतु आवश्यक कदम उठाया जाए। ताकि साजिशकर्ताओं का खुलासा हो सके तथा साजिशन झूठे मामले में फंसाए गए पत्रकारों को न्याय सुलभ हो सके एवं लोकहित में आंध्र प्रदेश सरकार उपरोक्त प्रकरण को न्यायालय से वापस ले|

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