छत्तीसगढ़ Surajpur

क्या बड़े अधिकारियों की मेहरबानियों से कोयला माफिया खदान क्षेत्रों में हुए हैं हाबी..

by admin on | Mar 10, 2025 09:20 AM

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क्या बड़े अधिकारियों की मेहरबानियों से कोयला माफिया खदान क्षेत्रों में हुए हैं हाबी..

रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला बैखोफ हो रही है कोयले कि चोरी...

आखिर क्या उच्च अधिकारियों कि संरक्षण में इन क्षेत्रों में हो रही है कोयले कि चोरियां..

आखिर क्यों कार्यवाही करने में पुलिस हमेशा से ही असफल होती रही

क्या बड़े अधिकारियों की मेहरबानियों से कोयला माफिया खदान क्षेत्रों में हुए हैं हाबी..

माफियाओं के आगे पूरा सिस्टम ही फेल...


*आदित्य गुप्ता*

विश्रामपुर- एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र के रेहर गायत्री खदान क्षेत्र में कोयला माफिया चंद पैसे का लालच देकर करा रहे हैं लोगों से कोयले कि चोरियां जिसमें बाईक से कुछ दुरी पर ले जाकर जंगल में ही कोयले को करते हैं एकत्रित जहां कोयला माफिया अपनी सरगना के साथ पहले से होते हैं मौजूद फिर शुरू होता है कोयला माफियाओं का खेला जहां पिकअप में कोयले को लोड कराकर सुनिश्चित क्षेत्रों में ऊंचे दामों पर चिमनी ईंट भट्ठा व ईंट भट्ठों पर कराते हैं तस्करी कोयला माफिया पर कार्यवाही न होने से दिन-ब-दिन चोरों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं जिसमें पुलिस की संलिप्ता संदिग्ध है आए दिन देखने को मिलता है पुलिस कार्यवाही के नाम पर  छोटे-मोटे बाइकर्स कोयला चोरों पर कार्यवाही करके बड़े कोयला माफिया पर मेहरबान हैं यह किसी कि नजरों से छुपी नहीं है !

क्या बड़े अधिकारियों की मेहरबानियों से कोयला माफिया खदान क्षेत्रों में हुए हैं हाबी..

जिले के खदान क्षेत्रों में कोयला माफिया इस कदर हाबी हुए हैं कि लोगों को डरा धमका कर कोयला चोरी करने पर कर रहे हैं मजबूर ओर लोगों के विरोध करने पर मारने की देते हैं धमकी जिससे लोग जबरन कोयला चोरी कर रहे हैं माफियाओं के इसारे पर चोरी कर रहे लोगों ने बताया कि कोयला माफिया उच्च अधिकारियों से सेटिंग का हवाला देकर खुलेआम चोरी करने को कहते हैं उन लोगो ने बताया कि एसईसीएल कम्पनी के सुरक्षा प्रहरी चंद पैसे लेकर चोरी करते हुए देखकर भी अंजान बनते हैं या दूसरे क्षेत्रों में भ्रमण करने निकल जाते हैं एसईसीएल कम्पनी के सुरक्षा प्रहरियों के उच्च अधिकारियों कि मिलीं - भगत होने कि बातें भी बता रहे हैं !


रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला बैखोफ हो रही है कोयले कि चोरी..

एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र के खदानों में कोयला चोरी कर रहे लोगों की वीडियो भी सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो रही है जिसमें दिन के उजाले में कोयला बोरियों में भरते नजर आ रहे हैं जिससे सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार अधिकारियों कि ज़िम्मेदारी क्या होती होगी महज अंदाजा लगाया जा सकता है जानकारों के अनुसार कोयला चोरी होने से कहीं ना कहीं अधिकारियों कि भी मददगार साबित होती होगी चोरी चुंकी  खदानों में हर वर्ष हजारो टन कोयला शोटेज कि खबरे अखबारों में आती रहती है कोयला शोटेज होने से एसईसीएल कम्पनी के अधिकारी भी कोयला चोरी होने पर कहीं ना कहीं कोयला शोटेज को मुख्य वजह बतानें में कोई कसर नहीं छोड़ते है व कोयला चोरी होने पर भी अधिकारीयों के पास लेखा जोखा में भी हेर - फेर होती होगी ऐसे में एसईसीएल के अधिकारी जांच के दायरे में होने है इन अधिकारियों कि लिस्टिंग कर उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए जिससे उनकी काले कारनामों का पर्दाफाश हो सके !!

माफियाओं के आगे पूरा सिस्टम ही हुआ फेल 

जानकारों के अनुसार एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के गायत्री खदान,आमगांव ओपन कास्ट खदानों में हर रोज हो रही है चोरी इसकी जानकारी सूरजपुर जिले के सुरजपुर, बिश्रामपुर, जयनगर, के जिम्मेदारों है लेकिन माफिया के आगे पूरा सिस्टम ही फेल है कोयला चोरी की वजह से हर महीने एसईसीएल को करोड़ों का नुक़सान हो रही है और जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियां से दूरी बनाकर तमाशा देख रहे हैं !!

आखिर क्यों कार्यवाही करने में पुलिस हमेशा से ही असफल होती रही 

वही एसईसीएल कंपनी लाखों खर्च कर त्रिपुरा राइफल्स के जवानों को कोयला चोरी पर रोक लगाने के लिए तैनात की है लेकिन त्रिपुरा राइफल्स के जवान भी कोयला चोरी रोकने में असफल नजर आ रहे हैं तो वहीं खदान क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सतर्कता से ही चोरी के कोयले से भरी पिकअप पकड़ाते रहे हैं एक महीने पूर्व जनप्रतिनिधियों की सहायता से गायत्री खदान से सटी हुई जंगल किनारे चोरी के कोयले से भरी पिकअप को जनप्रतिनिधियों ने सुरक्षा प्रहरी व पुलिस के हवाले किया था जिससे विश्रामपुर थानाध्यक्ष अपनी कार्यवाही बताकर सुर्खियां बटोर रही थी आखिर पुलिस गस्त लगाकर कोयला चोरी पर लगाम क्यों नहीं लगा पा रही है ??

कामता प्रसाद सिंह सरपंच व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि

उन्होंने बताया कि कहीं ना कहीं पुलिस की भी कार्य शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं पुलिस कभी भी कोयला माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई करने पर सफलता हासिल नहीं की है कोयला चोरों पर जब जब पकड़ाने की बातें सामने आई है तब तक क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहा है रात्रि कालीन में कभी भी पुलिस की गस्ती इस ओर देखने को नहीं मिला कोयला माफियाओं को पुलिस की संरक्षण मिल रही है जिस वजह से कोयला चोरी दिनदहाड़े व खुलेआम हो रही है !!

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