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अस्पताल में घायल पड़े वनरक्षक के मोबाइल पर बार-बार आ रहा था काल, न किसी ने रिसीव किया और न पुलिस को सूचना दी, उपचार के दौरान मौत

by admin on | Jun 15, 2024 11:32 AM

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अस्पताल में घायल पड़े वनरक्षक के मोबाइल पर बार-बार आ रहा था काल, न किसी ने रिसीव किया और न पुलिस को सूचना दी, उपचार के दौरान मौत

अंबिकापुर :- अंबिकापुर प्रतापपुर नगर के कदमपारा निवासी व वन परिक्षेत्र प्रतापपुर में वनरक्षक के पद पर तैनात 32 वर्षीय युवक मिलन सिंह चौहान की दुर्घटना के कारण हुई मौत के मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल में लाए जाने के बाद बेहोश पड़े युवक का मोबाइल लगातार बजता रहा लेकिन कर्मचारी ने काल रिसीव नहीं किया। यहां तक कि पुलिस को भी इसकी सूचना नहीं दी।अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से नगर के एक होनहार युवक को समय रहते उचित उपचार नहीं मिल पाया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। मामले को लेकर नगर के लोगों व स्वजनों में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है। अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठ रही है।

बता दें कि 10 जून को युवक मिलन सिंह चौहान अपने वनक्षेत्र से ड्यूटी कर घर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान प्रतापपुर अंबिकापुर मार्ग में स्थित गोटगावां में रात्रि लगभग 11 बजे किसी तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। अज्ञात वाहन की टक्कर से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। साथ ही उनकी मोटरसाइकिल भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। टक्कर मारने के बाद अज्ञात वाहन का चालक वाहन सहित मौके से फरार हो गया। इधर गंभीर रूप से घायल होकर बेहोशी की हालत में सड़क पर पड़े युवक को मार्ग से गुजरने वाले कुछ वाहन सवारों ने देखा तो तत्काल 108 नंबर पर सूचना दी। सूचना पर मौके पर पहुंची एंबुलेंस ने उन्हें समय रहते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर तो पहुंचा दिया पर बताया जा रहा है कि उचित उपचार के अभाव में वे तीन चार घंटे तक अस्पताल के अंदर बेहोशी की हालत में पड़े रहे।

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही

दुर्घटना से उनके सिर में लगी चोट से काफी मात्रा में खून बह चुका था। उन्हें तत्काल बेहतर उपचार की आवश्यकता थी। पर यह बेहतर उपचार तब मिल पाता जब अस्पताल प्रबंधन उनके स्वजनों को घटना की सूचना देता। बताया जा रहा है कि लापरवाही की पराकाष्ठा को पार करते हुए अस्पताल प्रबंधन ने ना तो इस घटना की सूचना पुलिस को दी और ना ही युवक के स्वजनों को दी। जबकि युवक की जेब में उसका परिचय पत्र व मोबाइल भी मौजूद था। पर अस्पताल के चिकित्सा या किसी कर्मचारी ने उनकी पहचान करने की कोई कोशिश नहीं की। स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें एंबुलेंस द्वारा जिला अस्पताल अंबिकापुर भेज दिया। एंबुलेंस घायल युवक को वहां छोड़कर वापस आ गई। बताया जा रहा है कि सूचना के अभाव में घायल युवक की देखभाल करने को उसके साथ कोई भी परिचित या स्वजन मौजूद नहीं था।

जिला अस्पताल में भी युवक को उच्च स्तर का ईलाज नहीं मिला जिससे उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई। सुबह नौ बजे स्वजनों को घटना की सूचना मिली तो वे जिला अस्पताल पहुंचे और युवक को बेहतर उपचार दिलाने अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसे वेंटिलेटर में रखकर उपचार शुरू किया गया। पर अफसोस की अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने समय रहते स्वजनों को घटना की सूचना नहीं दी जिसके कारण युवक का सही उपचार जल्द शुरू नहीं हो सका। आखिरकार निजी अस्पताल में उपचार के दौरान जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे युवक ने 13 जून की रात को दम तोड़ दिया। 14 जून की सुबह स्वजन उनके शव को लेकर प्रतापपुर पहुंचे जहां बांक नदी पर स्थित मुक्तिधाम में बेहद गमगीन माहौल व बड़ी संख्या में मौजूद नगरवासियों के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया।

काल रिसीव करने से समय पर होता बेहतर उपचार

बताया जा रहा है कि दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल युवक मिलन सिंह चौहान को जब एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर लाया गया था तब उनकी जेब में रखे मोबाइल में लगातार घंटी बज रही थी। युवक के देर रात तक घर न लौटने से परेशान स्वजनों द्वारा ही उनके मोबाइल पर लगातार काल की जा रही थी। पर अस्पताल के किसी भी चिकित्सक या कर्मचारी ने उनके मोबाइल पर आ रहे काल को रिसीव करने में किसी ने रूचि नहीं दिखाई। और तो और घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को भी देना उचित नहीं समझा। युवक की पहचान करने की भी कोई कोशिश नहीं की गई। यदि समय रहते युवक के स्वजनों को उसके दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिल गई होती तो उसका बेहतर उपचार जल्द शुरू हो सकता था जिससे उसकी जान बचाई जा सकती थी पर अफसोस की युवक के मोबाइल पर स्वजनों द्वारा किए जा रहे काल को अस्पताल प्रबंधन ने रिसीव करना उचित नहीं समझा। अस्पताल में मौजूद चिकित्सक या कर्मचारी को काल रिसीव करने के साथ पुलिस को भी सूचना देने की भी जरूरत महसूस नहीं हुई।

वर्जन

इस तरह की बड़ी लापरवाही करने वाले दोषियों के विरुद्ध जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आर‌एस सिंह

सीएम‌एच‌ओ जिला सूरजपुर


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