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नए थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का अंबिकापुर शहर से है गहरा नाता

by admin on | Jun 13, 2024 02:46 PM

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नए थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का अंबिकापुर शहर से है गहरा नाता

अंबिकापुर-:  देश के नए थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का अंबिकापुर शहर से भी नाता रहा है। अंबिकापुर के देवीगंज रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से उन्होंने पांचवीं की पढ़ाई की थी। यहीं से उनका चयन सैनिक स्कूल रीवा के लिए हुआ था। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को नजदीक से जानने वाले उनके साथ बिताए दिनों को याद कर गौरवांवित हैं।

अंबिकापुर शहर के कई प्रतिभावान लोगों ने सैनिक स्कूल रीवा में पढ़ाई के दौरान उनके साथ समय बिताया है। इन्हीं में से एक राजेश सिंह वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग में गणित के व्याख्याता हैं। राजेश सिंह ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए बताया कि यह हम सभी के लिए खुशी और गर्व की बात है कि देश के नए थल सेनाध्यक्ष का नाता अंबिकापुर से है।

राजेश सिंह के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, स्कूल शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त प्राचार्य डा बृजेश मिश्रा,छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी आरके मिश्रा हम लोगों के लिए आदर्श थे। अंबिकापुर से सैनिक स्कूल रीवा में डा बृजेश पांडेय का चयन पहले हुआ। फिर उपेंद्र द्विवेदी,आरके मिश्रा ने सैनिक स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। राजेश सिंह के अनुसार उक्त सफलताओं को देखते हुए हमने भी सैनिक स्कूल की सोची। मेरे साथ अंबिकापुर से अजय इंगोले,राजेश सिंह सिसोदिया का भी चयन हुआ था। सैनिक स्कूल रीवा में उपेंद्र द्विवेदी उनसे एक वर्ष सीनियर थे। पढ़ाई के साथ खेलों में भी उनकी मजबूत पकड़ थी। फुटबॉल और हाकी खेल से उन्हें लगाव था।व्याख्याता राजेश सिंह ने बताया कि सैनिक स्कूल रीवा में पढ़ाई के दौरान उपेंद्र द्विवेदी बेहद हँसमुख और मिलनसार थे। सीनियर और जूनियर छात्रों के प्रति उनके मन में सम्मान का भाव था। उनके थल सेनाध्यक्ष बनने से सैनिक स्कूल रीवा के पूर्व छात्रों की पुराने दिनों की याद फिर से ताजा हो गई है।

सरस्वती शिशु मंदिर देवीगंज रोड से की पढ़ाई

लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी अंबिकापुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने लगभग 43 वर्ष पूर्व 10 नवंबर 1972 को देवीगंज रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में कक्षा पंचम में प्रवेश लिया था। 17 जुलाई 1973 को वे यहां से रीवा सैनिक स्कूल में पढ़ाई के लिए चले गए थे। उनके पिता श्रीकृष्ण द्विवेदी खनिज अधिकारी के रूप में अंबिकापुर में पदस्थ थे। स्थानांतरण के दौरान उन्होंने अंबिकापुर में कार्यभार संभाला था।

मूलतः रींवा मप्र के निवासी उपेन्द्र द्विवेदी अपने गांधी चौक स्थित शासकीय आवास में रहते थे। पिता का तबादला होने पर वे यहां से चले गए और पांचवी की प्राविण्यता के आधार पर सैनिक स्कूल रींवा में छठवीं में प्रवेश ले लिया और वहीं से हायर सेकेंडरी की पढ़ाई कर उन्होंने एनडीए में प्रवेश लिया था।सैन्य कॉलेज में स्नातक उपरांत भारतीय सेना में कमीशन लिया। उनके सहपाठियों के अनुसार बचपन से ही नेतृत्व के गुण और गंभीर रहे हैं।

सरस्वती शिशु मंदिर प्रबंधन गौरवांवित

सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्र उपेंद्र दुबे के थल सेनाध्यक्ष नियुक्त होने पर प्रबंधन में भी उत्साह है। प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र अग्रवाल, व्यवस्थापक राजरूप छाजेड़ व कोषाध्यक्ष करताराम गुप्ता , प्राचार्य मीरा साहू ने उपेंद्र द्विवेदी के इस गौरवपूर्ण सम्मानित पद प्राप्ति के लिए बधाई व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी है।

इन्होंने बताया कि सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना जिस उद्देश्य व लक्ष्य को लेकर किया गया था, उस संस्कार व शिक्षा को अपने अंतःकरण में उतार कर बच्चे विभिन्न पदों में राष्ट्र की सेवा में लगे हैं। प्रांतीय प्रचार प्रमुख संस्कार श्रीवास्तव ने थलसेना अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने जा रहे सरस्वती शिशु मंदिर देवीगंज के पूर्व छात्र उपेंद्र द्विवेदी से संपर्क करने की कोशिश की है। थल सेना से सेवानिवृत्त हुए मेजर जनरल यश मोर ने अपने फेसबुक पेज पर इस संबंध में जानकारी दी थी। रिटायर्ड मेजर जनरल एस मोर को भेजे ईमेल में संस्कार श्रीवास्तव ने अंबिकापुर शहर की ओर से हर्ष जताते हुए शुभकामनाएं भेजी हैं। यह शुभकामनाएं उपेंद्र द्विवेदी तक पहुंचा दी जाएंगी।



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