छत्तीसगढ़ Surajpur

करोड़ों की लागत से हो रहे नहर निर्माण कार्य : चढ़ रहा भ्रष्टाचार की भेंट...!

by admin on | Mar 26, 2025 02:27 PM

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करोड़ों की लागत से हो रहे नहर निर्माण कार्य : चढ़ रहा भ्रष्टाचार की भेंट...!

करोड़ों की लागत से हो रहे नहर निर्माण कार्य : चढ़ रहा भ्रष्टाचार की भेंट...!

घटिया और गुणवत्ता विहीन कार्य को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश

ग़लत तरीके से हो रहे निर्माण कार्य का विरोध किया जाता है तो काम से निकाल दिया जाता है - मजदूर 


सूरजपुर/प्रतापपुर -: विकासखंड  के अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरा खुर्द के आमापारा में करोड़ों की राशी से हो रहे सिंचाई विभाग से नहर नवीन निर्माण कार्य जो चढ़ रहा भ्रष्टाचार की भेंट । ज्ञात हो कि जिस प्रकार सरकार जिरो टालरेंस की नीति को लेकर भले ढोल पीट रही हो, लेकिन जमीनी धरातल पर जीरो टॉलरेंस की नीति फेल होता नजर आ रहा है. यह केवल कागजी आंकड़ों और चुनावी भाषणों तक सीमट कर रह गया है. भ्रष्टाचार बेलगाम हो गया है. इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा हैं वजह यह है की जिम्मेदार अधिकारी भी कहीं न कहीं इसमें संलिप्त हैं, जिसके चलते ठेकेदारों द्वारा नहर निर्माण कार्य को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहे, और जिम्मेदार अधिकारियों मौन साधे हुए हैं या एवं लाखों रुपए का कमीशन का खेल।चल रहा हैं इसलिए ठेकेदारों को खुली छूट दिए है!

विस्तृत मामला यह है कि मुख्य बनारस मार्ग के किनारे नहर निर्माण कार्य सिंचाई विभाग के द्वारा किया जा रहा है। जो ग्राम पंचायत सेमरा खुर्द के अंतर्गत आमापारा में आता है। जिसमें जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है.कार्य करा रहे ठेकेदार के बताने के अनुसार नहर निर्माण कार्य एक करोड़ छियालिस लाख रुपए जो सिंचाई विभाग का है और तीन किलोमीटर तक का नहर निर्माण करना ! जो अनियमित एवं भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ जा रहा है। जिसमें  सीमेंट छड़ नाम मात्र की  डाली जा रही है। और गिट्टी साइज से बिना साइज की डाली जा रही है। जो अधिकारी और ठेकेदार के मिली भगत को दर्शाता है।


ग्रामीणों में आक्रोश स्थानीय गांव वालो का आरोप:

नहर निर्माण कार्य में जो सामाग्री का उपयोग हो रहा है वह बेहद घटिया और मानक के विपरीत हो रहा है. जिस सीमेंट का उपयोग हो रहा थर्ड किस्म का है जो कुछ ही सालों में उखड़ मसाले का मिलावट भी सही से नहीं किया जा रहा कहीं कहीं तो सिर्फ़ गिट्टी और बालू सीमेंट सिर्फ ऊपर डालकर खानापूर्ति कर ढलाई किया नियम और मानक की विपरीत है क्योंकि नियमानुसार इस्टीमेट के आधार पर पर्याप्त ढलाई  करना चाहिए जो नहीं किया जा रहा है उच्चतरीय टीम बनाकर मौके की जांच किया जाना चाहिए गुणवत्ता की भी प्रारंभिक जांच हो जहां से नहर कार्य की शुरुआत हुआ है क्योंकि जिस सीमेंट का उपयोग  नहर में किया जा रहा उसकी गुणवत्ता काफी खराब है जो समय से पहले ही नहर टूट जाएगी क्योंकि यह नहर हम गांव वालों की खेती करने का एकमात्र जीविकाप्रार्जन  नहर है जिससे खेती में सिंचाई किया जाता है लेकिन ठेकेदार सिर्फ पैसा कमा कर चले जाएंगे बार-बार हम लोग का नहर थोड़ी बनेगा इसीलिए अधिकारियों द्वारा टीम बनाकर संघनता से गुणवत्ता की जांच करते हुए संबंधित ठेकेदार के कार्यवाही करवाई किया जाए क्योंकि एक ठेकेदार तो टेंडर लिया ही है लेकिन नहर निर्माण कार्य को अन्य ठेकेदारों को पेटी में ठेका देकर हम गांव वालों के नहर को भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा रहे   नहर गुणवत्तापूर्ण और अच्छा बने  लेकिन इन लोगों को क्या वास्ता इनलोगों को तो सिर्फ पैसा कमाना है !


कार्य कर रहे स्थानीय ग्रामीणों ने नहर निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार पर आरोप लगाया है कि गलत तरीके से करवा रहे कार्य का जब  हमलोग विरोध करते है तब ये कहकर  काम से निकाल दिया जाता है कि ज्यादा होशियारी करते हो अब घर मे करो नेतागिरी, लेकिन सोचने वाली बात है इतना तानाशाही आख़िर क्यों और कबतक चलेगा, क्या गरीब गलत हो रहे कार्यों पर अपनी आवाज़ भी उठा नहीं सकते क्या शासन प्रशासन से भी बड़े हो गए ठेकेदार या अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है इनको जो खुलेआम करोड़ों के भ्रष्टाचार का खुला खेल कर रहे शासन प्रशासन मौन होकर तमाशा देख रही। 

खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन किस प्रकार से नहर निर्माण की जांच कर कार्यवाही करती है या सिर्फ कमीशन लेकर मामले को दबा दिया जाता है यदि कार्यवाही नहीं किया जाता और मामले को दबाने का प्रयास किया जाता तो लगातार खबर प्रकाशन किया जायेगा तबतक प्रकाशन किया जायेगा जबतक प्रशासन गहरी नींद से  ना जाग जाए क्योंकि गांव के किसानों के लिए नहर निर्माण हो रहा तो अच्छा गुणवत्तापूर्ण बनाया जाए क्योंकि अन्नदाता भगवान स्वरूप होते हैं पैसे को बचाने के चक्कर में नहर निर्माण  कार्य को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहे।

इस विषय में जल संसाधन सिंचाई विभाग वरिष्ठ अधिकारी सूरजपुर,, ई,ई एजुकेटिव इंजीनियर एसबी धुर्वे ने कहां की कार्य में गुणवत्ता विहीन एवं लापरवाही बरतने पर ठेकेदार के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तथा जांच दल गठित कर मौका जांच कर लापरवाही पाए जाने पर भुगतान रोकी जाएगी।

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