छत्तीसगढ़ Sarguja

अजब - गजब : 100 हेक्टेयर में कागजों में बोया धान

by admin on | Nov 18, 2024 05:45 PM

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अजब - गजब : 100 हेक्टेयर में कागजों में बोया धान

अंबिकापुर : राजस्व विभाग के पटवारी चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं। सरगुजा जिले के पटवारियों ने तो कमाल ही कर दिया है। यहां 100 हेक्टेयर में कागजों में ही पटवारियों ने धान की फसल उगा दी है। जब अफसरों ने जांच शुरू की तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ ही सरगुजा जिले में गिरदावरी सत्यापन में व्यापक विसंगति सामने आई है। तहसील स्तर पर गिरदावरी सत्यापन में 1900 हेक्टेयर में धान की फसल नहीं लगाने की पुष्टि हुई है जबकि गिरदावरी में उक्त रकबे में भी धान की फसल लगाने का उल्लेख किया गया है। बकायदा पंजीकृत किसानों के नाम पर उक्त रकबा अंकित भी किया गया है जबकि किसानों को इस बात की जानकारी भी नहीं है कि जिस जमीन में उन्होंने मक्का की खेती की थी उसमें धान कैसे उल्लेखित हो गया! सरगुजा में 1800 हेक्टेयर में अन्य फसल लगी है और 100 हेक्टेयर जमीन खाली है लेकिन सरकारी रिकार्ड में सभी में धान की खेती बता दी गई है।सरगुजा जिले में इस सीजन में 59826 किसानों ने 79316.51 हेक्टेयर में धान की खेती किए जाने का पंजीयन कराया है। सरगुजा में 54 सहकारी समितियों के माध्यम से धान की खरीदी हो रही है।

तो 29 करोड़ का धान खप जाता समितियों में

आंकड़ों पर गौर करें तो 1900 हेक्टेयर यानि 4750 एकड़ में फर्जी तरीके से धान का रकबा बताया गया है। प्रति एकड़ 20 क्विंटल के मान से 95000 क्विंटल धान समितियों में फर्जी तरीके से खपाया जा सकता था।इतने धान का समर्थन मूल्य 29 करोड़ 45 लाख रुपये होता है। यदि यह गड़बड़ी पकड़ में नहीं आती तो बिचौलियों और दलालों का धान समिति कर्मचारियों की मिलीभगत से आसानी से खपाया जा सकता था।

निरस्त होगा रकबा , नहीं होगी खरीदी

तहसील स्तर पर गिरदावरी सत्यापन में धान के रकबे में आई कमी के बाद अब स्तरीय अधिकारियों की टीम भी सत्यापन कर रही है। तहसील स्तर के सत्यापन में गड़बड़ी की संभावना पर यह कार्य शुरू किया गया है। जिला के बाद राज्य स्तरीय अधिकारियों का दल भी गिरदावरी का सत्यापन करेगा। इन दोनों चरणों में भी धान के रकबे में क्रमशः पांच - पांच प्रतिशत की कमी तय मानी जा रही है।

जानिए गिरदावरी को

किसानों द्वारा अपने खेत के कितने हिस्से में फसल की बोआई की गई है उसे देखना और रिकार्ड पर दर्ज करने को गिरदावरी कहा जाता है। गिरदावरी वर्ष में तीन बार रबी, खरीफ और अन्य सीजन में किया जाता है।इस समय खरीफ फसलों का गिरदावरी किया जा रहा है।राजस्व विभाग द्वारा इस काम को किया जाता है।

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